Pregnancy Scan List

Pregnancy Scan List In Hindi: कब और क्यों जरूरी है स्कैन?

प्रेग्नेंसी के दौरान विभिन्न प्रकार के स्कैन होते हैं, जिन्हें डॉक्टर के निर्देशानुसार किया जाता है। इन स्कैन की सूची, या Pregnancy Scan List, गर्भावस्था के हर चरण में मां और बच्चे की सेहत का पता लगाने के लिए बेहद जरूरी होती है। ये स्कैन प्रत्येक चरण में मां और बच्चे की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं। हर स्कैन का अपना महत्व होता है। और ये यह सुनिश्चित करते हैं कि गर्भावस्था सही ढंग से आगे बढ़ रही है। 

 

RISAA IVF और Dr. Rita Bakshi इस क्षेत्र में वर्षों से काम कर रहे हैं और गर्भवती महिलाओं की देखभाल में विशेषज्ञ हैं। उनकी टीम की विशेषज्ञता आपको प्रेग्नेंसी के दौरान सबसे अच्छी चिकित्सा सेवाएं प्रदान करती हैं। इस ब्लॉग में, हम Pregnancy Scan की पूरी जानकारी देंगे, ताकि आपको यह समझने में मदद मिले कि किस प्रकार के स्कैन जरूरी हैं और उनका समय कब होता है।

प्रेगनेंसी के दौरान स्कैन करवाना क्यों जरूरी है? Why Pregnancy Scans are Important?

गर्भावस्था के दौरान, Pregnancy scans schedule मां और शिशु दोनों की सेहत की निगरानी के लिए आवश्यक होते हैं। ये स्कैन शिशु के विकास, संभावित जटिलताओं और गर्भावस्था की प्रगति की जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे समय पर उचित देखभाल सुनिश्चित होती है।

 

प्रेग्नेंसी स्कैन के मुख्य लाभ:

 

  • गर्भावस्था की पुष्टि और अनुमानित प्रसव तिथि निर्धारण: शुरुआती स्कैन से गर्भावस्था की पुष्टि होती है और प्रसव की संभावित तिथि ज्ञात होती है।
  • शिशु के विकास की निगरानी: नियमित स्कैन से शिशु के आकार, वजन और विकास की जानकारी मिलती है।
  • जन्मजात विकृतियों की पहचान: कुछ स्कैन से शिशु में संभावित जन्मजात विकृतियों का पता लगाया जा सकता है।
  • गर्भावस्था की जटिलताओं की पहचान: स्कैन से प्लेसेंटा की स्थिति और अन्य संभावित समस्याओं का पता चलता है।
  • मल्टीपल प्रेग्नेंसी की पहचान: स्कैन से यह ज्ञात होता है कि गर्भ में एक से अधिक शिशु तो नहीं हैं।

 

इन स्कैनों के माध्यम से, माता-पिता अपने शिशु के स्वास्थ्य के प्रति आश्वस्त हो सकते हैं और आवश्यकतानुसार चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको प्रेग्नेंसी से जुड़ी कोई भी जानकारी चाहिए तो आप Dr. Rita Bakshi, Senior Gynecologist से मिल सकते हैं।

प्रेग्नेंसी स्कैन की तैयारी कैसे करें? How to Prepare for a Pregnancy Scan?

गर्भावस्था के दौरान, स्कैन करवाना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिससे मां और बच्चे की सेहत का पता चलता है। सही तैयारी करने से स्कैन के परिणाम अधिक स्पष्ट और सटीक मिलते हैं। साथ ही, Pregnancy diet plan in Hindi को ध्यान में रखते हुए सही खान-पान अपनाना भी स्कैन से पहले जरूरी होता है, ताकि मां और बच्चे दोनों को सही पोषण मिल सके।

 

प्रेग्नेंसी स्कैन से पहले ध्यान देने योग्य बातें:

 

  • डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें: कौन सा स्कैन कब कराना है, यह डॉक्टर से कंफर्म करें।
  • पानी अधिक पिएं: कुछ स्कैन के लिए भरा हुआ ब्लैडर आवश्यक होता है, जिससे इमेजिंग बेहतर होती है।
  • ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें: ताकि स्कैन के दौरान कोई परेशानी न हो।
  • जरूरी डॉक्यूमेंट्स साथ रखें: मेडिकल रिपोर्ट्स और पिछले स्कैन की जानकारी अपने साथ ले जाएं।
  • भोजन का ध्यान रखें: हेल्दी डाइट अपनाएं, जिससे स्कैन के दौरान मां और शिशु की स्थिति बेहतर दिखे।
  • प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण पर ध्यान दें: जैसे थकान, उल्टी, चक्कर आना, मूड स्विंग्स, और हार्मोनल बदलाव, ताकि स्कैन सही समय पर हो सके।

 

अगर आपको प्रेग्नेंसी से जुड़ी कोई भी जानकारी चाहिए तो आप Dr. Rita Bakshi, the best gynecologist in Delhi से मिल सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान किए जाने वाले स्कैन की सूची (Pregnancy Scan List Month Wise)

गर्भावस्था के विभिन्न चरणों में, मां और शिशु के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए विभिन्न स्कैन किए जाते हैं। ये स्कैन शिशु के विकास, संरचना, और संभावित जटिलताओं का पता लगाने में मदद करते हैं। नीचे गर्भावस्था के महीनों के अनुसार Pregnancy Scan List In Hindi की सूची दी गई है:

 

List of Scans During Pregnancy

पहली तिमाही (1-3 माह)

 

1. डेटिंग स्कैन (Dating Scan) – 6 से 9 सप्ताह 

यह स्कैन गर्भावस्था की पुष्टि करता है, भ्रूण की संख्या निर्धारित करता है, और अनुमानित प्रसव तिथि का पता लगाता है।

 

2. न्यूकल ट्रांसलूसेंसी स्कैन (Nuchal Translucency Scan – NT Scan) – 11 से 14 सप्ताह ⇒

इस स्कैन के माध्यम से शिशु में डाउन सिंड्रोम जैसी क्रोमोसोमल असामान्यताओं का जोखिम आंका जाता है।

 

दूसरी तिमाही (4-6 माह)

 

3. एनोमली स्कैन (Anomaly Scan / Level 2 Ultrasound) – 18 से 22 सप्ताह ⇒

यह विस्तृत स्कैन शिशु के अंगों की संरचना और विकास की जांच करता है, जिससे जन्मजात विकृतियों का पता लगाया जा सकता है।

 

तीसरी तिमाही (7-9 माह)

 

4. ग्रोथ स्कैन (Growth Scan) – 28 से 32 सप्ताह ⇒

7 वें महीने (7th month pregnancy scan name) में किया जाने वाला यह स्कैन शिशु के विकास, वजन, और एम्नियोटिक द्रव की मात्रा की जांच करता है।

 

5. डॉप्लर स्कैन (Doppler Scan) – 32 से 36 सप्ताह ⇒

8 वें महीने (8 month pregnancy scan name) में किया जाने वाला यह Pregnancy Scan नाल और शिशु के बीच रक्त प्रवाह की जांच करता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिल रहे हैं।

 

6. बायोफिजिकल प्रोफाइल स्कैन (Biophysical Profile – BPP) – 36 से 40 सप्ताह ⇒

9 वें महीने (9 month pregnancy scan name) में किया जाने वाला यह स्कैन शिशु की गतिविधियों, मांसपेशियों के टोन, श्वसन प्रयासों, और एम्नियोटिक द्रव की मात्रा का मूल्यांकन करता है।

 

Level 3 Ultrasound in Pregnancy in Hindi – यह एक विस्तृत और एडवांस्ड स्कैन होता है, जिसमें शिशु के मस्तिष्क, हृदय, फेफड़ों और अन्य महत्वपूर्ण अंगों का बारीकी से मूल्यांकन किया जाता है। आमतौर पर यह एनामॉली स्कैन (Anomaly Scan / Level 2 Ultrasound) के समय ही किया जाता है।

 

ये सभी स्कैन Pregnancy ultrasound schedule के अनुसार किए जाते हैं, ताकि मां और शिशु के स्वास्थ्य की सही निगरानी की जा सके और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हो सके।

अंतिम शब्द

 

Pregnancy Scan List In Hindi के इस ब्लॉग में, हमने गर्भावस्था के दौरान किए जाने वाले सभी ज़रूरी स्कैन के बारे में विस्तार से बताया है। महीनेवार स्कैन लिस्ट, उनके उद्देश्य, और कैसे ये मां और शिशु के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।  इन सभी पहलुओं को हमने यहां कवर किया है। सही समय पर सही स्कैन करवाना आवश्यक होता है, ताकि गर्भावस्था सुरक्षित और जटिलताओं से मुक्त रहे।  

 

RISAA IVF में, Dr. Rita Bakshi और उनकी विशेषज्ञ टीम गर्भावस्था से जुड़ी हर जाँच और स्कैन में आपकी पूरी सहायता कर सकती है। यदि आपको प्रेग्नेंसी स्कैन या किसी भी गर्भावस्था से संबंधित जानकारी चाहिए, तो हमसे संपर्क करें। हमें कॉल करें 95555 44421/22/23 या ईमेल करें doctor@risaaivf.com

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

What are the 3 scans in pregnancy?

Answer. गर्भावस्था के दौरान मुख्य रूप से तीन जरूरी स्कैन होते हैं – डेटिंग स्कैन (6-9 सप्ताह), एनोमली स्कैन (18-22 सप्ताह), और ग्रोथ स्कैन (28-32 सप्ताह)।

 

प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड खाली पेट होता है?

Answer. नहीं, आमतौर पर प्रेग्नेंसी में अल्ट्रासाउंड के लिए खाली पेट रहने की जरूरत नहीं होती, लेकिन पहले ट्राइमेस्टर में कुछ मामलों में ब्लैडर भरा होना जरूरी हो सकता है।

 

Pregnancy me kitne ultrasound hote hai?

Answer. सामान्य गर्भावस्था में 3 से 5 अल्ट्रासाउंड होते हैं, लेकिन जटिलताओं के अनुसार डॉक्टर अतिरिक्त स्कैन सलाह दे सकते हैं।

 

Pregnancy me last ultrasound kab karaye?

Answer. आमतौर पर गर्भावस्था के 36-40 सप्ताह के बीच बायोफिजिकल प्रोफाइल (BPP) या ग्रोथ स्कैन आखिरी अल्ट्रासाउंड होता है।

 

प्रेगनेंसी में dusra अल्ट्रासाउंड कब करना चाहिए?

Answer. दूसरा अल्ट्रासाउंड आमतौर पर एनटी स्कैन (11-14 सप्ताह) के दौरान किया जाता है, जो शिशु के विकास और संभावित असामान्यताओं का पता लगाने के लिए होता है।

 

प्रेगनेंसी में सोनोग्राफी कब करवानी चाहिए?

Answer. गर्भावस्था में पहली सोनोग्राफी 6-9 सप्ताह के बीच होती है, फिर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही में आवश्यक स्कैन किए जाते हैं।

 

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