ओवुलेशन पीरियड - 

ओवुलेशन पीरियड के लक्षण,और सही समय

ओवुलेशन पीरियड 

ओवुलेशन पीरियड के समय  एक महिला को गर्भधारण करने की सबसे अधिक संभावना होती है, इसलिए  अगर आप संतान प्राप्ति की सोच रहे हैं तो आपको इस समय का ध्यान और जानकारी होनी चाहिए| जैसे की हमने ऊपर पढ़ा की ओवुलेशन महिला के मासिक धर्म चक्र के बीच में पड़ता है और ओवुलेशन पीरियड करीब 1 से 2 दिन तक ही रहता है| अगर आप इस समय प्रयास करेंगे तो आपको गर्भधारणा प्राप्त करने की सबसे अधिक सभांवना होगी| 

ओवुलेशन क्या होता है?

ओवुलेशन पीरियड महिलाओं के प्रजनन प्रणाली में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है ओवुलेशन के दौरान महिला में मौजूद ओवरी में से एक परिपक्व अंडा निकलता है।अंडे में परिपक्वता आना प्रेगनेंसी के लिए जरुरी होता है| यह प्रक्रिया ही महिला को गर्भधारण करने में सहायक होती है, तो इसके बारे में सही जानकारी होना बहुत जरुरी है| इसे समझने से आपको संतान प्राप्ति करने या रोकने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह कुछ चिकित्सा स्थितियों का निदान करने में भी मदद कर सकता है इसलिए ओवुलेशन की प्रक्रिया को जानना बहुत जरुरी  है| 

ओवुलेशन पीरियड के लक्षण

 कुछ सामान्य लक्षण ओवुलेशन के दौरान दिखाई देते हैं जैसे|

  • शरीर का तापमान कम ज्यादा होना 
  • पेट के  निचले हिस्से में दर्द 
  • ऐंठन होना
  • सिर में दर्द और मतली का होना
  • कभी-कभी जी मिचलाना
  • यौन संबंध बनाने की इच्छा बढ़ना
  • उत्तेजना आना 

कब होता है ओवुलेशन पीरियड ?

ओवुलेशन महिला के मासिक धर्म चक्र के बीच में होता है, जो आमतौर पर उसके अगले पीरियड शुरू होने से लगभग 14 दिन पहले होता है। लेकिन, ओवुलेशन का समय हर एक महिला और हर चक्र के हिसाब से अलग-अलग भी हो सकता है।अगर आपका मासिक धर्म 28 दिन का  नियमित चक्र है तो ओवुलेशन पीरियड आमतौर पर 14वें दिन के आसपास होता है। हालांकि, मासिक धर्म चक्र की लंबाई अलग-अलग हो सकती है, और ओवुलेशन महिला के मासिक धर्म चक्र की लंबाई के आधार पर पहले या बाद में हो सकता है।

ओवुलेशन पीरियड का कैसे पता करें? 

पीरियड ट्रैक करने के कुछ तरीके नीचे दिए गए हैं

 

  • 1.मासिक धर्म कैलेंडर: ओवुलेशन मासिक धर्म चक्र के बीच में या उसके आस पास ही आता है| तो आप अपने मासिक धर्म चक्र के अनुसार इसका पता लगा सकते है| दोनों साइकल्स आपस में जुडी हुई हैं तो एक का पता लगाकर आप दूसरे के बारे में भी समझ जायेंगे| 

 

  • 2.ओवुलेशन किट : ओवुलेशन पीरियड का पता करने के लिए आप (ओपीके) किट का उपयोग कर सकते है| यह ओवुलेशन से 24-48 घंटे पहले होने वाले ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) में वृद्धि का पता लगा लेती है।और जब एलएच में बढ़ोतरी  दिखाई दे तो इसका मतलब आपकी ओवुलेशन साइकिल 24 से 48 घंटे बाद आ जाएगी|आप इस किट को दवा की दुकान से खरीद सकती हैं

 

  • 3.बेसल बॉडी टेम्प्रेचर (बीबीटी) ओवुलेशन पीरियड के दौरान शरीर में प्रोजेस्टेरोन नाम का हार्मोन बनता है, जिससे शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है। रोज सुबह का तापमान नोट करके महिलाएं इसका अंदाजा लगा सकती हैं कि ओवुलेशन कब हुआ था।

 

  • 4.अन्य तरीके आजकल कई स्मार्टफोन ऐप्स मौजूद हैं जो महिलाओं को उनके मासिक धर्म चक्र, शारीरिक लक्षणों और फर्टिलिटी के संकेतों को ट्रैक करने में मदद करती हैं, ताकि वो ओवुलेशन का समय पता लगा सकें,

ओवुलेशन से जुड़ी समस्या 

 

  • पी सी ओ एस: अगर आपको पी सी ओ एस है तो आपको ओवुलेशन की प्रक्रिया में बाधा आ सकती है| इसकी वजह से अनियमित ओवुलेशन या अनियमित मासिक चक्र, लंबे समय तक पीरियड या एमेनोरिया (पीरियड का न आना) हो सकते हैं।  
  • अंडाशय का काम नहीं करना: अगर जब अंडाशय 40 वर्ष की आयु से पहले काम करना बंद कर देते हैं तो अनियमित या अनुपस्थित ओवुलेशन होता है। यह शुरुआती मेनोपॉज के लक्षणों का कारण बन सकता है,
  • ओवेरियन फेलियर: इसके दौरान महिला में बनने वाले अंडे सही तरह से परिपक्व नहीं हो पाते जिसकी वजह से संतान प्राप्ति होना बहुत कठिन हो जाता है|

गर्भावस्था और ओवुलेशन पीरियड 

मासिक धर्म चक्र के बीच में (ओवुलेशन के दौरान) संभोग करने से गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक होती है इस दौरान शुक्राणु अंडे को निषेचित कर लेते हैं. निषेचन के बाद अंडा कोशिका एम्ब्र्यो में बदल जाती है और बाद में ये गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाती है, जिससे गर्भावस्था शुरू हो जाती है।

ओवुलेशन एक बहुत अहम् प्रक्रिया है और इसका समय कई कारणों से प्रभावित हो सकता है, जिनमें शामिल हैं तनाव, बीमारी, खानपान या व्यायाम में बदलाव, शरीर से जुड़ी अन्य समस्याएं| इसलिए आपको हमेशा अपनी ओवुलेशन साइकिल पर देखभाल और निगरानी रखनी चाहिए

 

डॉ रीता बक्शी

इस ब्लॉग की समीक्षा डॉ रीता बक्शी ने की है जो भारत में 40 वर्षों से (IVF  Treatment) (IUI Treatment) (ICSI Treatment) जैसी  बीमारियों के चिकित्सा का अनुभव रखती है|

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