ओवुलेशन पीरियड - 

ओवुलेशन पीरियड? लक्षण,और कब होता है.

ओवुलेशन पीरियड क्या होता है?

 

ओवुलेशन पीरियड महिलाओं के प्रजनन प्रणाली में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है जिसके दौरान महिला में मौजूद  ओवरी में से एक परिपक्व अंडा निकलता है। यह प्रक्रिया भी नियमित रूप से एक समय सीमा की साइकिल में होती है|  

 

अंडे में परिपक्वता आना प्रेगनेंसी के लिए जरुरी होता है| यह प्रक्रिया ही महिला को गर्भधारण करने में सहायक होती है, तो इसके बारे में सही जानकारी होना बहुत जरुरी है| इसे समझने से आपको संतान प्राप्ति करने या रोकने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह कुछ चिकित्सा स्थितियों का निदान करने में भी मदद कर सकता है इसलिए ओवुलेशन की प्रक्रिया को जानना बहुत जरुरी हो जाता है जो की आगे हमने इसके बारे में विस्तार से चर्चा की है| 

 

ओवुलेशन  कब होता है?

 

ओवुलेशन महिला के मासिक धर्म चक्र के बीच में होता है, जो आमतौर पर उसके अगले पीरियड शुरू होने से लगभग 14 दिन पहले होता है। लेकिन, यह याद रखना जरूरी है कि ओवुलेशन का समय हर एक महिला और हर चक्र के हिसाब से अलग-अलग भी हो सकता है।

 

अगर आपका मासिक धर्म 28 दिन का  नियमित चक्र है तो ओवुलेशन आमतौर पर 14वें दिन के आसपास होता है। इसका मतलब है कि अगर किसी महिला का 28 दिन का नियमित चक्र है, तो वह अपने पीरियड के पहले दिन से 14वें दिन के आसपास ओवुलेट करेगी। हालांकि, मासिक धर्म चक्र की लंबाई अलग-अलग हो सकती है, और ओवुलेशन महिला के मासिक धर्म चक्र की लंबाई के आधार पर पहले या बाद में हो सकता है। 

 

ओवुलेशन पीरियड 

 

ओवुलेशन पीरियड के समय  एक महिला को गर्भधारण करने की सबसे अधिक संभावना होती है, इसलिए  अगर आप संतान प्राप्ति की सोच रहे हैं तो आपको इस समय का ध्यान और जानकारी होनी चाहिए|  

 

जैसे की हमने ऊपर पढ़ा की ओवुलेशन महिला के मासिक धर्म चक्र के बीच में पड़ता है और ओवुलेशन पीरियड करीब 1 से 2 दिन तक ही रहता है| अगर आप इस समय प्रयास करेंगे तो आपको गर्भधारणा प्राप्त करने की सबसे अधिक सभांवना होगी| 

 

ओवुलेशन पीरियड का कैसे पता करें? 

 

अब जबकि हमको पता चल गया है कि ओवुलेशन पीरियड कितना अहम होता है , तो इसको ट्रैक करना और भी ज्यादा जरूरी हैओवुलेशन को ट्रैक करने के कुछ तरीके नीचे दिए गए हैं- 

 

  • मेंस्ट्रुअल कैलेंडर जैसे की हमने पढ़ा की ओवुलेशन मासिक धर्म चक्र के बीच में या उसके आस पास ही आता है| तो आप अपने मासिक धर्म चक्र के अनुसार इसका पता लगा सकते है| दोनों साइकल्स आपस में जुडी हुई हैं तो एक का पता लगाकर आप दूसरे के बारे में भी समझ जायेंगे| 

 

  • ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट (ओपीके) ओवुलेशन साइकिल को पता करने का सटीक तरीका है ये किट (ओपीके)| यह ओवुलेशन से 24-48 घंटे पहले होने वाले ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) में वृद्धि का पता लगा लेती है। आप इस किट को दवा की दुकान से खरीद सकती हैं और इसके निर्देशों का पालन करते हुए रोजाना अपने यूरिन टेस्ट कर सकती हैं। और जब एलएच में बढ़ोतरी  दिखाई दे तो इसका मतलब आपकी ओवुलेशन साइकिल 24 से 48 घंटे बाद आ जाएगी| 

 

  • बेसल बॉडी टेम्प्रेचर (बीबीटी) जब ओवुलेशन हो जाये तो शरीर में प्रोजेस्टेरोन नाम का हार्मोन बनता है, जिससे शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है। रोज सुबह का तापमान नोट करके महिलाएं पीछे देखकर अंदाजा लगा सकती हैं कि ओवुलेशन कब हुआ था। इस तरीके से आप बिना किसी उपकरण के ओवुलेशन साइकिल का पता कर सकते हैं | 

 

  • अन्य तरीके आजकल कई स्मार्टफोन ऐप्स मौजूद हैं जो महिलाओं को उनके मासिक धर्म चक्र, शारीरिक लक्षणों और फर्टिलिटी के संकेतों को ट्रैक करने में मदद करती हैं, ताकि वो ओवुलेशन का समय पता लगा सकें,आप इनका उपयोग करके भी ओवुलेशन ट्रैक कर सकते है| 

 

ये सारे  तरीकों से आप ओवुलेशन की निगरानी रख सकते हैं लेकिन कुछ और भी  लक्षण हैं जिससे आपको पता लग जाएगा की आपका ओवुलेशन पीरियड चल रहा है| 

 

ओवुलेशन के लक्षण

 

  • शरीर का तापमान कम ज्यादा होना 
  • पेट के  निचले हिस्से में दर्द 
  • ऐंठन होना
  • सिर में दर्द और मतली का होना
  • कभी-कभी जी मिचलाना
  • यौन संबंध बनाने की इच्छा बढ़ना
  • उत्तेजना आना 

 

अगर आपको ऐसे कोई लक्षण अपने अंदर दिखाई या महसूस हो रहे  है तो इसकी बहुत अधिक संभावना है की आपकी ओवुलेशन साइकिल चल रही है| 

ओवुलेशन और गर्भावस्था

 

ओवुलेशन का मतलब अंडाशय से एक परिपक्व अंडे का निकलना होता है।आपके ओवुलेशन से पहले के 6 दिन और ओवुलेशन के दिन को ही आपकी उपजाऊ अवधि कहा जाता है।

 

अगर इस दौरान संभोग होता है और शुक्राणु उस अंडे को निषेचित कर लेते हैं, तो गर्भधारण होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। निषेचन के बाद अंडा कोशिका एम्ब्र्यो में बदल जाती है और बाद में ये गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाती है, जिससे गर्भावस्था शुरू हो जाती है।

 

अगर पुरुष के शुक्राणु की गुणवत्ता कम है या फिर महिला को किसी तरह की समस्या है तो संतान प्राप्त करने के लिए ओवुलेशन साइकिल का उपयोग कर सकते है 

ओवुलेशन से जुड़ी समस्या 

 

अगर आपकी ओवुलेशन साइकिल समय पर नहीं आ रही है तो इसका मलतब है की आपको कोई बीमारी भी हो सकती है| 

 

  • पी सी ओ एस   अगर आपको पी सी ओ एस है तो आपको ओवुलेशन की प्रक्रिया में बाधा आ सकती है| इसकी वजह से अनियमित ओवुलेशन या अनियमित मासिक चक्र, लंबे समय तक पीरियड या एमेनोरिया (पीरियड का न आना) हो सकते हैं। 


  • ओवेरियन फेलियर इसके दौरान महिला में बनने वाले अंडे सही तरह से परिपक्व नहीं हो पाते जिसकी वजह से संतान प्राप्ति होना बहुत कठिन हो जाता है| 

 

  • अंडाशय का काम नहीं करना अगर जब अंडाशय 40 वर्ष की आयु से पहले काम करना बंद कर देते हैं तो अनियमित या अनुपस्थित ओवुलेशन होता है। यह शुरुआती मेनोपॉज के लक्षणों का कारण बन सकता है, जिससे प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।

 

ओवुलेशन एक बहुत अहम् प्रक्रिया है और इसका समय कई कारणों से प्रभावित हो सकता है, जिनमें शामिल हैं तनाव, बीमारी, खानपान या व्यायाम में बदलाव, शरीर से जुड़ी अन्य समस्याएं| इसलिए आपको हमेशा अपनी ओवुलेशन साइकिल पर देखभाल और निगरानी रखनी चाहिए

 

इस ब्लॉग की समीक्षा डॉ रीता बक्शी ने की है जो भारत में 40 वर्षों से (IVF  Treatment) (IUI Treatment) (ICSI Treatment) जैसी  बीमारियों के चिकित्सा का अनुभव रखती है|

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